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धारा- 88 (गर्भपात कारित करना)

धारा- 88 (गर्भपात कारित करना)
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा- 88

(गर्भपात कारित करना)

 जो कोई, गर्भवती महिला का स्वेच्छया गर्भपात कारित करता है, यदि ऐसा गर्भपात उस महिला का जीवन बचाने के प्रयोजन से सद्भावपूर्वक कारित न किया जाए, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा, और यदि वह महिला स्पन्दनगर्भा हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।


व्याख्या:- जो महिला स्वयं अपना गर्भपात कारित करती है, वह इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत आती है।


अपराध का वर्गीकरण


भाग (1):-  सजा:- तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा, 

संज्ञान:- असंज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय 

शमनीय:- समझौता करने योग्य 


भाग (2):-  सजा:- यदि वह महिला स्पन्दनगर्भा हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।

संज्ञान:- असंज्ञेय 

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय 

शमनीय:- समझौता करने योग्य 











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